Latest News

हर साल आखिर किस कारण औसतन 80 पायलट छोड़ रहे हैं इंडियन एयरफोर्स

By 19-8-2020

Published on 19 Aug, 2020 11:27 AM.

नई दिल्ली (प्रजातंत्र शक्ति,जतिंदर टंडन) बीते दस साल में भारतीय वायुसेना (IAF) के 798 पायलटों ने इस्तीफा दिया है. ये चौंकाने वाला खुलासा खुद भारतीय वायुसेना ने उस सूचना के अधिकार (RTI) वाली याचिका के जवाब में किया है जो इंडिया टुडे की ओर से दाखिल की गई. IAF को पायलटों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. 1 फरवरी, 2018 को, सरकार ने राज्य सभा को सूचित किया कि भारतीय वायुसेना के पास 4,851 की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले 3,855 पायलट ही थे. इसलिए 2018 में ही वायुसेना 376 पायलटों की कमी का सामना कर रहा था. ये स्थिति IAF की तैयारियों के अनुकूल नहीं है.

2016 में 100 पायलटों और 2017 में 114 ने भारतीय वायुसेना को छोड़ा. वहीं 2015 में 37 पायलटों ने सेवानिवृत्ति से पहले इस्तीफा दिया. 2015 वो साल रहा जिसमें बीते एक दशक के किसी भी साल की तुलना में सबसे कम पायलट भारतीय वायुसेना से अलग हुए. नहीं तो हर साल औसतन 80 पायलट इस्तीफे दे रहे हैं.

‘सेवानिवृत्ति से पहले वायुसेना छोड़ने वालों में से कितने पायलट प्राइवेट एयरलाइंस में शामिल हुए?’ इस सवाल के जवाब में डायरेक्ट्रेट ऑफ पर्सनल सर्विस, एयर हेड क्वार्टर ने कहा, 'प्राइवेट एयरलाइन में शामिल होने वाले अधिकारियों के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती, क्योंकि ऐसा कोई डेटा नहीं रखा जाता है. यह सार्वजनिक प्राधिकरण निजी एयरलाइन्स से जुड़ने के लिए एनओसी प्रदान करता है.
यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि इस्तीफा देने वाले 798 पायलटों में से 289, को प्राइवेट एयरलाइंस की फ्लाइट्स के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मिला. इसके सीधे मायने हैं बीते एक दशक में वायु सेना छोड़ने वाले पायलटों में से एक तिहाई से अधिक संभवत: कॉमर्शियल फ्लाइट्स उड़ा रहे हैं.

समाचार रिपोर्टों के मुताबिक, एक मध्य स्तर का IAF पायलट एक महीने में करीब 2 लाख कमाता है लेकिन जब वह एक प्राइवेट एयरलाइंस में शामिल होता है तो उसकी आय चार गुना तक बढ़ सकती है. अधिकतर IAF पायलट 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद वायुसेना छोड़ देते हैं, इससे वो पेंशन के हकदार रहते हैं.

Viewers: 24769

Reader Reviews

Please take a moment to review your experience with us. Your feedback not only help us, it helps other potential readers.


Before you post a review, please login first. Login
Related News
ताज़ा खबर
e-Paper